भारत-पाक सम्बंध युद्ध नहीं, शांति की ओऱ अग्रसर हों• प्रो. नीलम महाजन सिंह • Prof. Neelam Mahajan Singh
'OH MY KASHMIR' By: Neelam Mahajan Singh 'DAUGHTER OF KASHMIR'

भारत-पाक सम्बंध युद्ध नहीं, शांति की ओऱ अग्रसर हों
• प्रो. नीलम महाजन सिंह •
फारसी कवि, आमिर खुसरो ने कश्मीर पर लिखा, "गॅर फ़िरदौस बॅर रुऐ ज़मीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त"; अर्थात "अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है और सिर्फ यहीं है"।
ब्रिटिश सम्राज्य के उपनिवेशवाद की 'डिवाइड एंड रूल' - बंटवारे की नीति का, 1947 की स्वतंत्रता व भारत के विभाजन पर अभी तक नकारात्मक प्रभाव अंकित है। अविभाजित भारत में 'एक कश्मीर' ही था। भारत-पकिस्तान के खूनी विभाजन के ज़ख्म अभी भी दर्दनाक हैं, जिनका 78 वर्षों में कोई समाधान नहीं निकला।
भारत-पकिस्तान कभी मित्र नहीं बन सकते, क्योंकि दोनों देशों में यह एक राजनीतिक मुद्दा है, जिसे राजनेता सदेव ज्वलंत रखना चाहते हैं। प्रथम भारत-पाकिस्तान युद्ध (1947-1948); द्वितीय (1965); बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (1971); तृतीय (1971); सियाचिन संघर्ष (1984-2003) व अब 2005 में युद्ध हुआ। तीन दिनों की तीव्र सैन्य शत्रुता के बाद, भारत-पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई व गोलीबारी रोकने के बारे में, "दोनों देश 'एक समझ' पर पहुँच गए हैं", विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर ने 10 मई, 2025 को घोषणा की। यह लेख 2025 के पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न कूटनीतिक संकट के परिप्रेक्ष्य में है। 7 मई 2025 को शुरू हुए तनाव के उपरांत, यह एक वर्तमान घटनाओं का दस्तावेज है। जानकारी तेज़ी से बदलती रही व आरंभिक टीवी समाचार रिपोर्टिंग अविश्वसनीय थी। 23 अप्रैल 2025 को भारत-पकिस्तान के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ, जो पहलगाम टेरर हमले से भड़का।
जम्मू-कश्मीर की 'बैसरन घाटी' में यह एक आतंकवादी हमला था। इसमें 25 हिंदू पर्यटकों, एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम सहित 27 लोग मारे गए, साथ ही 20 से अधिक अन्य घायल हो गए। प्रतिरोध मोर्चा (TRF) ने शुरुआत में हमले की जिम्मेदारी ली थी। भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 24 अप्रैल से सशस्त्र झड़पें होने की खबरें आईं, जिससे दोनों 'परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों' के बीच तनाव बढ़ा।
Dr. S. Jaishankar, IFS, ex Foreign Secretary & present Minister of External Affairs of India 🇮🇳
अंतर्राष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा स्थिति चल रहे 'सिंधु जल संधि और शिमला समझौते' को रद्द किया गया। डॉ.एस. जयशंकर, पूर्व विदेश सचिव- तात्कालिक विदेश मंत्री ने अमेरिका, सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों से बातचीत की। विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर का यह बयान की पाकिस्तान के साथ 'UNDERSTANDING अंडरस्टेंडिंग' हुई है कि किसी प्रकार के आतंकी हमले को युद्ध ही माना जाएगा। राजनयिक इसका पूर्ण अर्थ समझने में जूझ रहे हैं। दुश्मन के साथ क्या अंडरस्टेंडिंग हो सकती है?
लेखिका का सारांश है कि भारत-पाक संबंधों में कश्मीर, POK, बोर्डर अतिक्रमण, आतंकवाद पर अंकुश लगाने में अनेक गतिरोध हैं, तथा भारत-पकिस्तान की जनता इस प्रतिशोध का भुगतान कर रही है। खून की नदियाँ बह चुकी हैं!
भारत ने पाकिस्तानियों के लिए वीज़ा रद्दीकरण व यात्रा प्रतिबंध, भारत से पाकिस्तानी राजनयिकों का निष्कासन व पाकिस्तान से भारतीय समकक्षों की वापसी, पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार को निलंबित करना, भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद करनु, से युद्ध का आरंभ हुआ। 2025 का भारत-पाकिस्तान संघर्ष, अल्पकालिक युद्धविराम का उल्लंघन, गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच एक कूटनीतिक संकट पैदा हो गया, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान पर हमले को प्रायोजित करने का आरोप लगाया। भारत ने पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना शुरू किया, अपने स्वयं के राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाया, वीज़ा सेवाओं को निलंबित कर दिया, अपनी सीमाओं को बंद कर दिया व सिंधु जल संधि से हटने की घोषणा की, जबकि पाकिस्तान ने तुरंत किसी भी तरह की संलिप्तता से इंकार किया व इसके बजाय एक अंतरराष्ट्रीय जांच का आग्रह किया, जिसे दिल्ली ने तुरंत खारिज कर दिया।
Three Chiefs of Defence Forces of India 🇮🇳
Chief of Defence Staff — General Anil Chauhan
Chief of the Army Staff — General Upendra Dwivedi
Chief of the Naval Staff — Admiral Dinesh K Tripathi
Chief of the Air Staff — Air Chief Marshal Amar Preet Singh
भारत की सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सी.सी.एस.) CCS ने भी भारतीय नागरिकों से पाकिस्तान की यात्रा करने से बचने का आग्रह किया व वर्तमान में भारत में रहने वाले पाकिस्तानियों से जल्द से जल्द वापिस लौटने का आदेश दिया है। 24 अप्रैल से 6 मई के बीच पाकिस्तान और भारत के बीच सीमा पार से गोलीबारी व झड़पें हुईं।
7 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल हमले किए, जिसका 'कोडनेम: ऑपरेशन सिंदूर' रखा गया। भारत के अनुसार, मिसाइल हमलों में 'जैश-ए-मोहम्मद व लश्कर-ए-तैयबा' जैसे आतंकवादी समूहों के अड्डों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान के अनुसार, भारतीय हमलों में मस्जिदों सहित नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिसमें 31 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए। बदले में, पाकिस्तान ने कहा कि उन्होंने कई भारतीय जेट विमानों को मार गिराया व भारतीय बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया। हमले के उपरांत दोनों देशों के मीडिया आउटलेट्स में कई गलत सूचना अभियान चलाए गए। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमा पर सभी सेना कमांडरों को हरी झंडी दी, है कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच सहमति नहीं बनती है तो जवाबी कार्रवाई शुरू की जाए। 1980 के दशक के अंत में जम्मू और कश्मीर में 'इस्लामी सशस्त्र विद्रोह' भड़का, जिसके परिणामस्वरूप कश्मीरी हिंदुओं का क्षेत्र से पलायन हुआ व तब से यह जिहादवादी विद्रोह जारी है। पाकिस्तान स्थित, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा की शाखा माने जाने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने शुरुआत में इसकी जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने कहा कि यह हमला भारतीय सरकार की उस नीति के विरोध में था, जिसके तहत भारतीय नागरिकों को कश्मीर में रहने और काम करने की अनुमति दी गई थी, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में गैर-स्थानीय बस्तियाँ बस गईं। चार दिन बाद, उन्होंने अपना दावा वापस ले लिया।
विक्रम मिस्री, आई.एफ.एस. विदेश सचिव
Vikram Misri, IFS, Foreign Secretary: MEA
23 अप्रैल 2025 की रात को, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सीसीएस के साथ बैठक के बाद एक विशेष प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ 'सिंधु जल संधि' को तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से निलंबित करने के भारत के फैसले की घोषणा की, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद नहीं कर देता। अटारी -वाघा सीमा पर एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करने, सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत भारत में सभी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए यात्रा प्रतिबंध और पहले जारी किए गए सभी वीज़ा रद्द किए गए। नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में पकिस्तान के सैन्य सलाहकारों को निष्कासित कर दिया गया, जबकि इस्लामाबाद में उनके भारतीय समकक्षों को वापस बुला लिया गया व भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर न्यूनतम 30 कर दी गई। पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों को जारी किए गए वीजा निलंबित कर दिए और भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। हालांकि, करतारपुर कॉरिडोर सिख तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहा। 10 मई 2025 को दक्षिण एशिया के दो परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसी देशों, भारत-पाकिस्तान, ने चार दिन की तीव्र सैन्य झड़पों के बाद पूर्ण तत्काल युद्धविराम की घोषणा की।
विदेशी नीतियों व मामलात के विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच “युद्ध विराम ने वास्तव में तनाव को काफी हद तक कम कर दिया है लेकिन यह युद्ध विराम नाजुक हो सकता है"।
सारांश अर्थ यह अवश्य है कि जहां नरेंद्र मोदी सरकार, अजित डोवल आदि भारत-पाकिस्तान युद्ध: 2025 को अपनी विजय बता रहें हैं, उधर शाहबाज़ शरीफ, आसिफ़ मुनीर भी पाकिस्तान में अपनी पीठ थपथपाई कर रहे हैं। आज 'वासुदेव कुटुम्बकम' के काल में विश्व एक है व युद्ध, मसलों का समाधान नहीं हो सकता, इतिहास इसकी गवाई देता है। पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्द स्मरणीय हैं कि, "हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते"। युद्ध के वातावरण को समाप्त कर शांतिपूर्ण सम्बंधों की ओर अग्रसर होना, एशियाई देशों के लिये अवश्यक है।
(LL.B. M.PHIL. B.A. Hons. M.A. ST. STEPHEN'S COLLEGE (HISTORY), Television News Production, Film and TV Institute of India, Pune)
प्रो. नीलम महाजन सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, कश्मीर विशेषज्ञ, मानवाधिकार संरक्षण सॉलिसिटर व परोपकारक)
singhnofficial@gmail.com
neelammahajansingh.blogspot.com
www.neelammahajansingh.in
Facebook (META) Instagram X LinkedIn
Google: Neelam Mahajan Singh
Comments
Post a Comment