दिल्ली राजनैतिक दंगल में भाजपा ने 'आप' को चित्त किया
• प्रो. नीलम महाजन सिंह •
☆ दिल्ली विधानसभा चुनाव में 08.02.2025 को 70 विधानसभा सीटों के लिए के परिणामों ने, आम आदमिय पार्टी को ध्वस्त कर दिया है। 'प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आँधी' ने दिल्ली को कूड़ा दान बनाने वाले झाड़ू को तार-तार कर दिया है। दिल्ली की 'आपदा' को दरकिनार कर दिया गया है। दिल्ली के विधानसभा चुनावों में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ है। 48 सीटों में विजय पा कर, नरेंद्र मोदी की छवि मज़बूत हुई है। 12 फरवरी की पीएम मोदी की अमरीकी यात्रा ने विजयी:भव बना दिया, जिससे उनकी अन्तरराष्ट्रीय छवि मजबूत हुई है।
आप को 22 सीटों पर विजय प्राप्त हुई है। कॉंग्रेस और अन्य को शून्यता से ही गुजारा करना होगा। आतिशी मारलेना ने रमेश भादुड़ी को एक हज़ार वोटों से पराजित किया है। आप अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल स्वयं हार गए हैं। प्रवेश वर्मा ने संदीप दीक्षित को भी पराजित किया। अब नरेंद्र मोदी की गारंटी को लागू करने का मौका है। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली वासियों ने 61% वोट डाले हैं। सभी राजनीतिक दलों द्वारा एक दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए थे। पैसे, शराब व सामान आदि बांटने से लेकर एक दूसरे पर धमकियां और गाली-गलौज आम बात रही। भाषा का प्रयोग उचित होना चाहिए। सार्वजनिक जीवन में अभद्र भाषा का प्रयोग उचित होना चाहिए। लगभग सभी सर्वेक्षणों ने पोल विश्लेषण के परिणाम, भाजपा के हक में दिये थे।
दिल्ली के लोगों के लिए मुख्य मुद्दे, भारत के अन्य राज्यों से अलग हैं। भारत की राजधानी होने के नाते, दिल्ली की कुछ विशेष आवश्यकताएँ हैं। नई दिल्ली म्यूनिसिपल कार्पोरेशन, वी.आइ.पी. क्षेत्र में कार्यरत है। हालाँकि, जब हम दिल्ली के पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण दिल्ली में जाते हैं, तो स्थिति बहुत-बहुत अमानवीय है। पीएम ने सुशासन, विकास का माॅडल देने का वायदा किया है। दिल्ली-वासियों ने मोदी में विश्वास प्रकट किया है। भाजपा ने 'आप को दिल्ली दंगल में दे पटका है'।
भाजपा की जीत के कुछ विशेष कारण हैं। बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आए, अवैध प्रवासियों को झुग्गी कॉलोनियाँ व क्लस्टर में रहने दिये जाता हैं। वे अपना नाम बदल कर अवैध रूप से 'आधार' कार्ड और अन्य दस्तावेज़ प्राप्त कर लेते हैं। इसका भाजपा ने विरोध किया है। दिल्ली के नागरिकों को चार चीज़ों की ज़रूरत है, यानी पीने का साफ पानी, स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त वातावरण, तो महत्वपूर्ण मुद्दा है। मध्यम वर्ग को केवल मुफ़्त शिक्षा ही महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन 'उचित फीस' पर बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी ज़रूरी है। दिल्ली में हर कोई 'बीपीएल कार्ड धारक' नहीं है। दिल्ली वासियों के लिए किफायती बिजली के बिल ज़रूरी हैं। हम 200 यूनिट तक मुफ़्त बिजली और 400 यूनिट तक 50% छूट की बात नहीं कर रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। विश्लेषक यह भी कहते हैं कि यह क्षेत्र दिल्ली पुलिस का है, जो गृह मंत्री अमित शाह के अधीन है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में रखा है। ज़्यादातर पार्टियाँ अरविंद केजरीवाल पर 'मुफ़्त चीजें' देने का आरोप लगाती रही हैं। राज्य की सामाजिक कल्याण योजनाएं निश्चित रूप से महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लाभ का लक्ष्य मध्यम वर्ग भी होना चाहिए। दरअसल, दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर व अन्य इलाकों में बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी भरे पड़े हैं, जिन्होंने मुस्लिम बंगाली से अपना नाम बदलकर 'चुनाव आयोग के दस्तावेज़ हासिल कर लेते हैं।
झुग्गी-झोपड़ी इलाके एक बड़ा वोट बैंक है। अरविंद केजरीवाल, संदीप दीक्षित को परवेश वर्मा ने नई दिल्ली से हरा दिया है। कांग्रेस अपने ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठित नहीं कर पाई व उसका प्रचार स्तर लक्ष्यहीन रहा। सारांशाार्थ यह भी कहा जा सकता है कि भाजपा का राजनीतिक प्रचार, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व हुआ। पीएम मोदी ने अपने अग्राह्य में भाजपा को एक मौका देने को कहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने अग्रह्य किया कि 25 साल के बाद दिल्ली के लोगों की वे सवं सेवा करेंयगें। यह मतदाताओं के मन में गहराई तक उतर गया। बड़ी संख्या में 'आप' कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्ण काम नहीं किया। भाजपा का ध्यान आम जन तक पहुंचने पर था। मेरा मानना है कि 25 साल के बनवास के बाद भाजपा ने दिल्ली के लोगों तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की । पिछले 5 सालों में आम आदमी पार्टी बिखर गई। ज़्यादातर पार्टियां अरविंद केजरीवाल पर मुफ्त चीजें देने का आरोप लगाती रही हैं। राज्य की सामाजिक कल्याण योजनाएं निश्चित रूप से महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लाभ का मध्यम वर्ग को होना चाहिए। दरअसल, दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर और अन्य इलाकों में बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी भरे पड़े हैं, जिन्होंने मुस्लिम बंगाली से अपना नाम बदलकर भारतीय हिंदू रख लिया है और चुनाव आयोग के दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। झुग्गी-झोपड़ी और झुग्गी-झोपड़ी इलाके एक बड़ा वोट बैंक हैं।
‘दिल्ली चुनाव दंगल’ खत्म हो चुका है। अरविंद केजरीवाल, संदीप दीक्षित और प्रवेश वर्मा के नई दिल्ली से चुनाव लड़ने से जाहिर तौर पर संदीप दीक्षित को बढ़त मिल रही है। कांग्रेस अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को संगठित नहीं कर पाई और उसका प्रचार स्तर लक्ष्यहीन रहा। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन टूट गया, क्योंकि कांग्रेस आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रही है, हालांकि वे गठबंधन में थे। अब वे पहले दर्जे के दुश्मन हैं। इसी तरह की चीजें अन्य राज्यों में भी हो रही हैं, जिसका फायदा भाजपा को मिलता है। हमारा विश्लेषण इस तथ्य पर भी आधारित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाजपा को एक मौका देने का आश्वासन, ताकि वे 25 साल बाद दिल्ली के लोगों की सेवा कर सकें, मतदाताओं के मन में गहराई से उतर गया है। इससे भाजपा को बढ़त मिल रही है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनके मुख्य प्रचारक खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। कालकाजी से आतिशी एक मजबूत उम्मीदवार हैं। आप के बहुत से कार्यकर्ताओं ने उत्साह से काम नहीं किया। कांग्रेस अपने अभियान की रणनीति नहीं बना पाई। भाजपा का ध्यान आम आदमी तक पहुंचने पर केंद्रित था। आलमी मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक डॉ. कबीर सिद्दीकी ने अपने विश्लेषण में कहा है कि भाजपा के पास बढ़त है, क्योंकि 25 साल की निष्क्रियता ने उन्हें एकजुट पार्टी के रूप में काम करने के लिए मजबूर कर दिया है। अब डबल इंजन की सरकारों बन जाएगी। केन्द्र सरकार व भाजपा की दिल्ली सरकार, अब एकजुट होकर दिल्ली की जनता को सभी प्रकार से समृद्ध करेंगें। बात व्यक्ती विशेष की नहीं है। सभी घोषणा पत्र में दिए गए वादों को कार्यान्वित कर दिल्ली की जनता की सेवा कर, राजधानी दिल्ली को अन्तरराष्ट्रीय स्तर तुक ले जाने की और अग्रसर रहना होगा। मोदी की अंधी ने सभी को उखाड़ दिया है। 25 वर्षों के बाद सत्ता पाने के बाद भाजपा को दिल्ली विधान सभा में विजय मिली है तथा पीएम कार्यालय को पूर्ण समर्थन देना अवश्यक है।
प्रो. नीलम महाजन सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, शिक्षाविद, दूरदर्शन व्यक्तित्व व परोपकारक)
singhnofficial@gmail.com
(List of BJP-NDA ruled States/UTs
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