शांतिवीर शांत हो गये': नमन • प्रो. नीलम महाजन सिंह •

शांतिवीर शांत हो गये': नमन
• प्रो. नीलम महाजन सिंह •
प्रिय मित्रों, कुछ ही घंटे पहले हमारे प्रिय मित्र-सहयोगी #दूरदर्शन के शांतिवीर कौल के निधन की दुखद खबर सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ! बहुमुखी प्रतिभा के धनी शांतिवीर को श्रद्धांजलि देने के लिए मैं निशब्द हूं। मेरे मित्र/बॉस, हरीश अवस्थी, आईआईएस, डी.जी. प्रसार भारती न्यूज़ (यानी डी.जी. ऑल इंडिया रेडियो व दूरदर्शन न्यूज़) अक्सर शांति के से बातचीत करते थे व एक-दूसरे के साथ 'शेर-ओ-शायरी' का आदान-प्रदान करते थे! अगस्त में ही शांतिवीर ने मुझे अपनी पुस्तक 'हुकम ए सफ़र दिया था क्यों' (अवतार मोटा द्वारा समीक्षित) के विमोचन के लिए रवीन्द्र भवन, फिरोज़ शाह रोड, नई दिल्ली, में आमंत्रित किया था। लेकिन स्वास्थ्य कारणों से मैं नहीं जा सकी! शांतिवीर कौल एक विपुल लेखक, अंग्रेज़ी और उर्दू के कवि-शायर, गहरी आवाज़ के धनी, रोमैंटिक व एक उत्कृष्ट निर्माता थे। दरअसल जब भी मैं शांतिवीर कौल को आकाशवाणी भवन या मंडी हाउस के परिसर में देखती, तो वहां खड़ी कारों के पीछे छिप जाती थी! शांति हमेशा उर्दू शायरी में मेरी तारीफ करते थे! यह शांतिवीर की एक कविता 'हिकायत' है:
माना हम साथ हैं मगर, इस चुभन के ज़ालिम खंजर की ज़र्ब अगर दोनों पर होगी, दर्द तो अपना-अपना होगा?
मैं व दूरदर्शन परिवार के सभी सदस्य; शांतिवीर के परिवार के सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने के साहस दें। शांतिवीर, भगवान आपको अपने कर-कमलों में स्थान दें। 
🕉 शांति 🕉 
प्रो. नीलम महाजन सिंह

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