Bulli Bai App, Disgraceful & punishable by Neelam Mahajan Singh in Inquilab Urdu newspaper 07.01.2022

Inquilab Urdu newspaper में प्रकाशित  मेरा लेख; 'बोली बाई ऐप केस वास्तव में क्या है' 07.01.2022, अवश्य पढ़ियेगा। हर महिला के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण लेख है।
• यह चौंकाने वाली घटना है कि भारत की आज़ादी के 75 साल बाद भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अपराध की अवमानना ​​जारी है । 'बोली बाई ऐप केस'; नए साल के पहले हफ्ते का सबसे नेगेटिव ट्रेंडिंग टॉपिक है। इस विषय ने दुनिया भर में लाखों लोगों को स्तब्ध किया है। केवल कुछ ही लोग जानते हैं कि 'बोली बाई ऐप केस' वास्तव में क्या है? यह विषय इतना विवादास्पद क्यों है? आइए इस पूरे मामला को समझने की कोशिश करते हैं। नए साल के सप्ताहांत के दौरान, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों की बाढ़ आ गई, जिसमें कैप्शन लिखा था, 'आज की आपकी बोली बाई है' और हैशटैग जैसे #BulliDeals #SulliDeals #BulliBai आदि का उल्लेख है। हैरानी की बात यह है कि इन महिलाओं को पता तक भी नहीं था कि उनके चित्रों का इस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है। कैसे उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं? इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि इन कैप्शन और हैशटैग के इस्तेमाल से भारतीय मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नीलाम कर दिया गया, यानी उन्हें ऑनलाइन बेचा जा रहा था; उच्चतम बोली पर! बोली लग रही थी ! इस ऐप को ट्विटर अकाउंट से हटा दिया गया है और जीवन भर के लिए बैन भी कर दिया गया है। 'बोली बाई ऐप केस' वास्तव में क्या है? बोली बाई युवा भारतीयों के एक समूह द्वारा विकसित एक ऐप है, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं को ही शामिल करने का विचार है। ऑनलाइन नीलामी में लोगों को बरगलाया और मुनाफा कमाने का प्रयास किया गया। इस ऐप के जरिए महिलाओं को पैसे के बदले में बोली लगाई कर खरीदा जायेगा। हालांकि इस तरह का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है। दरअसल इस तरह के ऐप्स लड़कियों की तस्वीरें चुराते हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से महिलाएं और उन्हें नकली ऑनलाइन नीलामी के लिए गिटहब जैसे ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर पर अपने ऐप पर सूचीबद्ध करते हैं। इस ऐप के बहुत कम ऑनलाइन उपयोगकर्ता थे। ट्विटर पर ट्रेंड करने के बाद, यह ऐप कई अश्लील स्थलों पर वायरल हो गया। यह बन गया मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के लिए मानसिक उत्पीड़न का कारण। आजकल इस प्रकार की घटनाएं आम हो गई हैं क्योंकि साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता बहुत कम है। लड़कियों की फोटो को सोशल मीडिया पर संपादित करके पोस्ट करना, लिखना, उनके खिलाफ और कुछ मुद्दों पर महिलाओं को ट्रोल करना; मानो मनोरंजन से जुड़ा माना जाता है। अते निंदनीय है ! बोली बाई ऐप मामले में कौन शामिल है? मुंबई पुलिस ने मंगलवार को बताया कि ; बोली बाई ऐप; मामले के मुख्य आरोपी को उत्तराखंड से हिरासत में लिया गया है। आरोपी एक 18 वर्षीय लड़की, श्वेता सिंह है । बेंगलुरू से सुशील कुमार झा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे 10 घंटे की पूछताछ के बाद, बेंगलुरु से 21 वर्षीय सिविल इंजीनियरिंग छात्र को हिरासत में लिया गया। यह शर्मनाक है कि हमारे समाज के कुछ वर्गों, विशेषकर इन युवाओं ने महिलाओं की मर्यादा, प्रतिष्ठा और सुरक्षा के खिलाफ इस तरह के जघन्य और दुर्भावनापूर्ण अपराधों में लिप्त हैं। भारत सरकार ही नहीं, हर राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भ्रष्ट दिमाग वाले ऐसे अपराधियों को पुनर्वास केंद्रों में रखा जाए और उन्हें सलाह दी जाए, दंडित किया जाए और उनका सुधार किया जाए! धिक्कार है 'बुली- बोली बाई ऐप' के इस आइडिया पर! महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक सुरक्षा की जरूरत है। ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

~ नीलम महाजन सिंह ~
वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक 
singhnofficial@gmail.com
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