ओमाइक्रोन रहेगी बड़ी चुनौती: नीलम महाजन सिंह

#हरिभूमि में प्रकाशित मेरा लेख;
'ओमाइक्रोन रहेगी बड़ी चुनौती ' ज़रूर पढ़ियेगा। सभी हरि-भूमि राष्ट्रीय संस्करण में प्रकाशित 
~ नीलम महाजन सिंह ~ 
• दुनिया भर में ओमाइक्रोन का खतरा नियमित रूप से बढ़ रहा है। मैंने लगभग दो महीने पहले अपने लेखों और सामाजिक पोस्ट्स में लिखा था कि हम सब कुछ हलके में ले रहे हैं। हम सभी को कोविड-19 के परिणामों को नहीं भूलना चाहिए। भारत में सामान्य रूप से कोविड -19 प्रोटोकॉल को निभाना बहुत अनिवार्य था। परंतु दिपावली से पहले देखा गया कि सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ा दी गईं। भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी पर्यावरण प्रदूषण पर नाराज़गी जताई। हमारे सामने खतरा बहुत बड़ा था लेकिन हम सामूहिक रूप से सामान्य आबादी के रूप में, कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहे हैं। यह बहुत खतरनाक था कि हम आग से खेल रहे थे। अब ओमाइक्रोन वायरस हवा में है। यह पहले से ही देखा गया है कि, दिल्ली अत्यधिक संक्रमित हो रही है। क्या आप भारत में कोरोना के दूसरे चरण के दौरान हज़रों मोतों को भूल गए हैं? मैं एक 'कोरोना योद्धा' हूँ और मौत के मुहँ से करोना को पराजित कर जीवंत रही। मैं अपने पोस्ट और वीडियो संदेशों के माध्यम से चेतावनी देती रही हूं कि कृप्या अपनी स्वास्थ्य की सुरक्षा की प्रतिबद्धता का उल्लंघन न करें। मुझे नहीं लगता कि लोग गंभीरता से सलाह को ले रहे थे। ओमाइक्रोन के बारे, 'मन की बात' में प्रधानमंत्री के 2021 के अपने आखिरी भाषण में, इस बात को कबूला है कि मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। पी. एम. नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया और दु:ख महसूस किया। वायरस ने विश्व पर्यावरण पर कब्जा कर लिया है। हालांकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत हर प्रकार की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है । 
जो परिस्थित कोविड -19 महामारी के परिणामस्वरूप है, यह अनुशासन के उल्लंघन का परिणाम है। सभी मानकों, मापदंड और प्रोटोकॉल का तिरस्कार किया गया।  इंग्लैंड व यूरोप में भी ओमाइक्रोन पाया गया है । जैसे ही कोविड -19 कर्फ्यू में ढील दी गई थी, लोगों को समूहों में पब, रेस्टोरेंट,  कैफे व सिनेमाघर में इकट्ठे होते हुए देखा गया था। इसलिए उन्हें कोरोना की एक और लहर का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही घोषित कर दिया था कि ओमाइक्रोन हवा में एक गंभीर वायरस है और हम सभी को इसे बहुत गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। कोविड -19 से संबंधित प्रभावशाली टीकाकरण कार्यक्रम के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का सराहनीय प्रयास है। समाज के एक बड़े तबके को अभी तक दूसरी वैकसीनेशन खुराक नहीं दी जा सकी है। अंधविश्वास के कारण ग्रामीण इलाकों में एक डोज़ भी नहीं लगी। टीकाकरण की खुराक 'कोवीशील्ड' व 'कोवेकसीन' का दूसरा टीका लेना बाकी है। यहां तक ​​​​कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डाः गुलेरिया ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि ओमाइक्रोन, कोविड -19 की तरह ही चुनौतीपूर्ण है। हालाँकि इस पर शोधकार्य किया जा रहा है। यह कहा जा रहा है कि 'डेलटा' वायरस 'ओमाइक्रोन' वायरस से अधिक गंभीर था। ये वैज्ञानिक शोध हैं लेकिन तथ्य यह है कि ओमाइक्रोन मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है। दुनिया भर में प्रत्येक व्यक्ति को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। भारत सरकार ने पहले से ही आपातकालीन उपायों की घोषणा की है जिसके लिए ऑक्सीजन संयंत्र तैयार हैं, अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है, टीकाकरण आसानी से और मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वच्छता रखना, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना तीन व्यावहारिक कदम हैं जिनका पालन करने और लागू करने की आवश्यकता है। हालांकि अधिकांश आबादी द्वारा सामाजिक दूरी को कूड़ेदान में डाल दिया गया है। दुनिया भर में ओमाइक्रोन की वापसी के साथ भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी घोषणा की है कि कोविड -19 पर शोध दो साल से चल रहा है इसलिए वे ओमाइक्रोन, डेल्टा वायरस से कम खतरनाक है। उपचार के लिए कुछ समाधान मी पाए गए हैं।  मौखिक दवाओं के मामले में, ख़ुशनुमा जानकारी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है।टीकाकरण की आयु 18 से घटाकर 15 कर दी गई है। इससे अभिभावकों को राहत मिली है। बड़ी संख्या में युवाओं को टीकाकरण में मदद मिलेगी। हॉल, ऑडिटोरियम, बाज़ार, किसी भी अन्य जगह जहां मण्डली है, पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। पी.एम. नरेन्द्र मोदी ने मास्क पहनने की जरूरत पर ज़ोर दिया है। ओमाइक्रोन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ-साथ भारत सरकार ने भी मास्क के महत्व पर जोर दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के लोगों से कोरोना वायरस के नए ओमाइक्रोन संस्करण के मद्देनजर सतर्क रहने का आग्रह किया, जो देश भर में तेज़ी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते रहने की जरूरत है। "आप सभी 2022 के स्वागत का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन यह समय सतर्क रहने का है। कृपया मास्क पहनें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें," पी.एम. मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा।उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अब तक की लड़ाई हमें बताती है कि प्रोटोकॉल का पालन करना संक्रमण के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है। प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सभी राज्यों को कोरोनो वायरस बीमारी के खिलाफ बुनियादी ढांचा तैयार करने में मदद कर रही है और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनो वायरस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में दूसरा सबसे बड़ा हथियार टीकाकरण है। भारत ने बहुत पहले ही मिशन मोड में टीके विकसित करने का काम शुरू कर दिया था। दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ-साथ भारत सरकार ने भी मास्क के महत्व पर जोर दिया है। कुछ हफ्ते पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी.के. पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मास्क सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने देश भर में लोगों द्वारा मास्क नियमों का उल्लंघन किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की। यह चेतावनी उसी समय दी गई थी जब ओमाइक्रोन दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने के कुछ दिनों बाद भारत के तटों पर पहुंचा था। मास्क के महत्व पर ज़ोर देते हुए, एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि कपड़ों से बने चेहरे के कवरिंग को बदलने का समय आ गया है, क्योंकि वे भारी रूप से उत्परिवर्तित ओमाइक्रोन को रोक नहीं सकते हैं। टीकाकरण के मामले में भारत ने 60 प्रतिशत से अधिक आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया है।
सभी कुछ सरकार ही नहीं कर सकती। हमें भी अपने उतरदायित्व का पालन करना संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक है। 
~ नीलम महाजन सिंह ~ 
वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, पूर्व दूरदर्शन समाचार संपादक व लोकोपकारक 
www.neelammsingh.in 
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