ह्रदयों का स्पन्दन: नीलम महाजन सिंह

नव वर्ष की असीम शुभ कामनाएँ 
आप सभी के लिया मैनें यह कविता लिखी है। ज़रूर पढ़ियेगा!

~ हृदयों का स्पन्दन ~
तुम्हरा जीवन सृजन 
तुम्हारी प्रतिबद्धता 
तुम्हरी स्फटिक पारदर्शिता 
जैसे स्वच्छ दर्पण 

कैसा आकर्षण 
कैसा सम्मोहन 
कैसी प्रतिभा 
जैसे हीरक आभा 
फूटी सतरंगी किरण 

तुम्हरा जीवन 
पीड़ाओं का पुंज
संवेदनाओं की अनुगूंज 
निरंतर संघर्ष 
नहीं कोई प्रतिशोध 
बस केवल आत्मबोध

तुम्हरा जीवन 
प्यार का स्फुरण 
आत्मिक मिलन
जीवन एक यात्रा
ह्रदयों का स्पन्दन 

यह जीवन अवतरण 
जीवन पथ संचरण 
नियति का अनुगमन 
ह्रदयों का स्पन्दन 
तुम्हारा जीवन 

~ नीलम महाजन सिंह ~

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