Neelam Mahajan Singh's article in Inquilab Urdu newspaper, analysis of PM Narendra Modi's speech at Red Fort on 15th August 2021

Neelam Mahajan Singh's article in #Inquilab Urdu newspaper on 20.08.2021 on analyzing the contents of the PM Narendra Modi's speech at Red Fort on 15th August 2021
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के, स्वतंत्रता दिवस भाषण का विवेचन।
'केवल आत्मनिर्भरता की ओर केंद्रित होना होगा'
-- नीलम महाजन सिंह --
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह समारोह पर, लाल किले के प्राचीर से अपने 8वें संबोधन पर, देशवासियों को पुनः 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के नारे के साथ 'सबका प्रयास' का आह्वान किया। यह पीएम के नारे का दूसरी बार विस्तार है। पहली बार सबका साथ सबका विकास का नारा गढ़ा गया था। अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने के लिए नारे में सबका विश्वास जोड़ा गया था। इस बार पीएम मोदी अपनी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को व्यापक बनाने के लिए लाल किले से 'सबका प्रयास' जोड़ा है। इस नारे का सकारात्मक पहलू यह है कि सरकार आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सबके प्रयास की अहम भुमिका है। और इसका नकारात्मक पहलू यह है कि सरकार राष्ट्र  को आत्मनिर्भर बनाने के अपने संकल्प के प्रति खुद की जिम्मेदारी को प्रमुख केंद्र में नहीं रखना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठवें भाषण का निष्पक्ष विश्लेषण करना जरूरी है। पीएम ने अपने इस संबोधन में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं, किसान, उद्योग, टेक्नोलॉजी, आतंकवाद, पड़ोस, विस्तारवाद, आंतरिक व बाह्य सुरक्षा, विकास समेत सभी विषयों पर अपने विचार रखे हैं। लेकिन इसमें सबसे बड़ी बात आत्मनिर्भर भारत को संकल्पबद्ध बनाने की है। 

स्वतंत्रता दिवस केवल एक समारोह ही नहीं होना चाहिए, हमें अगले 25 वर्षों के लिए नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है। क्या इसका तात्पर्य यह है कि भाजपा अगले 25 वर्षों तक सत्ता मे रहेगी? यह भविष्यात्मक है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जब हम भारत की जश्न-ऐ-आज़ादी के सौ साल को मनाएं तो हम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लक्ष्य को पूरा करें। नरेंद्र मोदी ने यह आह्वान किया कि हमें एक 'नये भारत' का निर्माण करना है। परंत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले आठ वर्षों में नये भारत को कितना आत्मनिर्भर बनाया है? इसका ईमानदार विश्लेषण आवश्यक है। 

1947 के विभाजन के दौरान लोगों के दर्द और पीड़ा का सम्मान करने के लिए, प्रधान मंत्री ने कहा कि 14 अगस्त को अब 'विभाजन भयावह स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। मेरे माता-पिता, जसवंत राय और लज्जया देवी जी, इस भयानक रक्तपात के साथ, मीरपुर से विभाजित जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। म

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